15 दिन लगातार नहीं आने वाले बच्चों का स्कूल से कटेगा नामांकन


विधालय में बढी छात्र छात्राओं की उपस्थिति।


 मधेपुरा।

सरकार स्कूलों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाना नहीं है। अब नया फरमान के तहत 15 दिन तक स्कूल नहीं आने वाले बच्चों का स्कूल से नाम काट दिया जाएगा। सरकार के इस फरमान से अभिभावकों में भी खौफ बढ़ गया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इस बाबत डीएम को पत्र जारी करते हुए कहा कि 1 जुलाई 2023 से अनुश्रवण व्यवस्था स्थापित की गई है। इसके तहत विद्यालयों का लगातार निरीक्षण हो रहा है। जुलाई, 2023 से अब तक 50 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले विद्यालयों की संख्या लगातार कम हो रही है। किन्तु अभी भी लगभग 10 प्रतिशत विद्यालय ऐसे हैं। जहां छात्र उपस्थिति 50 प्रतिशत से कम है। जो कि चिन्ताजनक बात है। ऐसे में एक-एक विद्यालय में डीईओ व डीपीओ को हस्तक्षेप करते हुए नियमित नहीं आने छात्र-छात्रा से एवं उनके अभिभावकों से बात करनी होगी। वहीं डीईओ व डीपीओ को 5-5 विद्यालय एडोप्ट करना है। जिस डीपीओ के कार्यक्षेत्र में ऐसा कोई विद्यालय नहीं है। जहां छात्र उपस्थिति 50 प्रतिशत से कम है। तो उसे कार्यक्षेत्र के बाहर का भी विद्यालय दिया जाएगा। ऐसे स्कूल को एडोप्ट करते हुए डीपीओ स्कूल प्रतिदिन जाएं। हरेक छात्र एवं उनके अभिभावकों से बात बात करें जो छात्र तीन दिन लगातार अनुपस्थित हैं। उसे प्रधानाध्यापक नोटिस दें और 15 दिन लगातार अनुपस्थित रहने पर छात्र का नामांकन रद्द कर दें। 

कहीं दो स्कूलों में तो नहीं पढ़ रहे बच्चे, इसकी भी होगी मोनेटरिंग। 

यह देखा जा रहा है कि वह कहीं ऐसे छात्र एक ही साथ दो विद्यालयों में तो नहीं पढ़ रहे हैं। ऐसे छात्र नाम कटने के डर से लगातार 15 दिन अनुपस्थित नहीं रहते हैं और बीच-बीच में हमारे विद्यालयों में आते रहते हैं। सरकार का मानना है कि शिकायत प्राप्त हो रही है। कि डीबीटी यानि छात्रवृति, पोशाक व अन्य सुविधा प्राप्त करने के उद्देश्य से छात्र-छात्राओं ने केवल सरकारी विद्यालयों में दाखिला ले लिया है। बल्कि ऐसे छात्र जिले के अथवा जिले के बाहर के निजी विद्यालयों में पढ़ाई करते हैं। कुछ छात्रों के तो राज्य के बाहर कोटा इत्यादि में भी रहने की सूचना है। इसलिए ऐसे हरेक मामले की ट्रेकिंग करते हुए इस तरह के छात्रों का नामांकन रद्द किया जाए जो लाभ के लिए नामांकन कराए हैं। मधेपुरा डीईओ जयशंकर प्रसाद ठाकुर ने बताया कि सरकार के इस आदेश को अमलीजामा पहनाने के लिए हमलोगों ने कार्य शुरू कर दिया है। निश्चित रूप से भविष्य में इसका बेहतर परिणाम सामने आएगा। 



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