दीक्षांत के एक दिन पहले तक गोल्ड मेडलिस्ट की सूची जारी नहीं होना किसी बड़े खेल का संकेत

 




दीक्षांत मौके पर मुख्य द्वार के दोनो तरफ अतिक्रमण नहीं हटाना औपचारिकता की निशानी।

सिंहेश्वर मधेपुरा 

बीएनएमयू में अठारह अगस्त को होने जा रहे पंचम दीक्षांत समारोह के आयोजन से जुड़ी कमियों पर लगातार मुखर रहे वाम छात्र संगठन एआईएफएफ ने दीक्षांत से पहले बड़ा आरोप लगाया है। और संगठन के राष्ट्रीय परिषद सदस्य हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कुलपति, कुलसचिव को पत्र लिख  गोल्ड मेडलिस्ट की सूची दीक्षांत के छत्तीस घंटे पहले तक जारी नहीं होने पर सवाल खड़ा किया है। और कहा कि यह सिर्फ बीएनएमयू ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के इतिहास में पहला अवसर है जब छात्रों के सबसे बड़े महापर्व दीक्षांत के एक दिन पहले तक गोल्ड मेडलिस्ट छात्रों की सूची विश्वविद्यालय द्वारा जारी नहीं किया गया है। राठौर ने कहा है कि बीएनएमयू के विगत चार दिक्षांत समारोह सहित अन्य विश्वविद्यालयों में होता यह रहा है कि लगभग एक सप्ताह अथवा पखवाड़ा पहले सूची जारी कर दी जाती है। और विभिन्न स्तरों पर ऐसे छात्रों की उपलब्धि, संघर्ष, सफर से जुड़ी खबरे प्रकाशित होती है। जिससे आयोजन का मान भी बढ़ता है और गोल्ड मेडलिस्ट को भी गौरव महसूस होता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं करके बीएनएमयू ने जहां गोल्ड मेडलिस्ट छात्रों को हतोत्साहित किया है। वहीं कई सवाल भी खड़े किए हैं।राठौर ने संगठन की तरफ से सीधा आरोप लगाया कि कहीं ऐसा तो नहीं कि अपने चहेते को गोल्ड मेडलिस्ट बना पतली गली से सम्मानित करवाने की साजिश चल रही है। वाम छात्र नेता राठौर ने यहां तक कहा कि अंदर के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो कुछ दिन पहले जो सूची तैयार हुई उसमें कई नामों पर खुलकर विरोध हुआ तब आनन फानन में उसे दबाया गया। फिर उसके बाद लगातार बीएनएमयू गोल्ड मेडलिस्ट की सूची को ठंडे बस्ते में डालने में लगा है। राठौर ने गोल्ड मेडलिस्ट की सूची सार्वजनिक करने, इन्हे राज्यपाल के हाथों सम्मानित करने और ऐसे छात्र छात्राओं की फोटो संक्षिप्त परिचय के साथ मुख्य द्वार से मंच तक दोनो तरफ़ लगाने की मांग की।


दीक्षांत मौके पर मुख्य द्वार के दोनो तरफ अतिक्रमण नहीं हटाना औपचारिकता की निशानी


वहीं राठौर ने दीक्षांत जैसे अवसर पर भी बीएनएमयू के मुख्य द्वार के दोनो तरफ के अतिक्रमण और अपार गंदगी को एक दिन पहले तक सफाई नहीं होने पर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि दीक्षांत के अवसर पर विश्वविद्यालय को हमेशा से यथासंभव खूबसूरत बनाने की जी तोड़ कोशिश होती है। जिससे विश्वविद्यालय के सर्वेसर्वा महामहिम राज्यपाल, आमंत्रित अतिथि एवम् डिग्री पाने वाले छात्रों के स्वागत में कमी न रहे। लेकिन इस बार आलम ऐसा है कि अतिक्रमण एवम् गंदगी हटाना तो दूर मुख्य द्वार के दोनो तरफ गंदी हो चुकी दीवारों को भी नहीं रंगा गया है जो दुखद है। राठौर ने शंका व्यक्त किया की कहीं बीएनएमयू पिछले साल की तरह अंतिम समय में अतिक्रमण को कपड़े से घेर अपनी इज्जत तो बचाने की कोशिश नहीं करेगा। सूत्रों की मानें तो महामहिम के आगमन की तैयारी में लगे पुलिस एवम् जिला प्रशासन के पदाधिकारियों ने कहा भी कि बीएनएमयू अगर पत्र लिखकर मांग करेगा तो अतिक्रमण तुरंत हटा दिया जाएगा। क्योंकि यह मामला बीएनएमयू के क्षेत्रांतर्गत का बनता है। राठौर ने कड़े शब्दों में मांग किया कि हर हाल में गोल्ड मेडलिस्ट को उचित सम्मान और स्वागत में साफ सफाई, रंगाई पुताई व विधि व्यवस्था की गारंटी हो। पत्र में राठौर ने चेताया भी कि पिछले आयोजन कि तरह सबको खुश करने के चक्कर में ऐसी चूक न हो। जिससे बीएनएमयू को फजीहत झेलनी पड़े अन्यथा इस बार हर बिंदुओं पर सवाल उठाए जायेंगे कि आखिर बीएनएमयू की व्यवस्था इतनी कैसे दयनीय हो गई। राठौर ने पत्र की प्रतिलिपि महामहिम कुलाधिपति को भी प्रेषित किया है।

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