साढ़े तीन माह पूर्व सफाईकर्मी को किया सेवा नियमित अब नगर विकास विभाग कर दिया बाय-बाय


 - नगर विकास ने कहा कि नियमित वाल पत्र था फर्जी, अब लौटाओं पेमेंट 

- विभाग के इस तुगलगी आदेश से भड़का सफाईकर्मी, कोर्ट जाने का निर्णय

संवाद सूत्र

मधेपुरा:- नगर विकास विभाग की लापरवाई ने नगरपरिषद में कार्यरत 29 सफाईकर्मी के जीवन में चार माह पूर्व आयी रौनक को फिर से अंधेरे में धकेल दिया है। नगर विकास विभाग ने मंगलवार यानि एक अगस्त को पत्र जारी करते हुए सभी 29 सफाईकर्मी की सेवा समाप्त करते हुए सेवा काल में दी गई वेतन को वसुल करने का निर्देश जारी किया है। नगरपरिषद में कार्यरत 29 सफाईकर्मी विभाग के इस निर्णय के खिलाफ कोर्ट जाने का  मन बनाया है। कार्य कर रहे सफाईकर्मी का कहना है कि यह पत्र तो विचित्र है। ऐसा हुआ कि पहले नौकरी दिये। अब कहते हैं कि गलती से नौकरी दिया। इतना ही नहीं और कहते हैं कि जो वेतन दिये हैं उसे भी लौटाओ। यह तो तुगलगी फरमान है। हैरानी की बात है कि अपने ही पत्र को विभाग छलपूर्वक निर्गत मानती हैै। मालूम हो कि सभी 30 सफाई कर्मियों को 14 मार्च के पत्र के द्वारा नगर विकास विभाग द्वारा नियमित करने का आदेश जारी किया था। इसमें एक कर्मी की मृत्यु हो गई। जिसके बाद सभी 29 कर्मी को साढे तीन माह से नगर परिषद द्वार वेतन दिया जा रहा था। 

विभाग का कहना है कि अवैध रूप से निर्गत हुआ था पत्र:

नगर विकास विभाग के परियोजना पदाधिकारी सह उप निदेशक ने एक अगस्त को अपने पत्रांक 09/नप्रनि (विविध)-26/2022 के तहत मधेपुरा नगर परिषद को पत्र जारी करते हुए अवैध रूप से निर्गत  कथित विभागीय पत्रांक 796 दिनांक 14.03.23 को रद्द कर दिया। जिसमें बताया कि नगर परिषद, मधेपुरा में कार्यरत कुल 29 झाडूदार (सफाईकर्मी) को कथित विभागीय पत्रांक-798 दिनांक 14.03.2023 द्वारा नियमित वेतन का भुगतान पंचम / छठा वेतन मद से करने की स्वीकृति से संबंधित पत्र निर्गत होने की सूचना विभाग के संज्ञान में आयी है। जिसमें यह कथित पत्र छलपूर्वक निर्गत् किया गया है। जिसपर सरकार का अनुमोदन प्राप्त नहीं है। इस मामले की आंतरिक जांच विभाग द्वारा करायी जा रही है। ऐसी स्थिति में उक्त निर्गत विभागीय पत्रांक-798 दिनांक- 14.03.2023 को पत्र निर्गत की तिथि- 14.03.2023 के प्रभाव से रद्द किया जाता है। इसका कोई प्रशासनिक या वित्तीय प्रभाव नहीं होगा। इतना ही नहीं  पत्र में स्पष्ट कहा गया कि वर्णित पत्र के आलोक में यदि किसी भी प्रकार का भुगतान किसी कर्मी को किया गया है तो उसकी वसूली करते हुए कृत कार्रवाई से संबंधित प्रतिवेदन विभाग को तुरंत उपलब्ध कराए। जबकि 14 मार्च 23 को ही विभाग के अवर सचिव राम सेवक प्रसाद ने मधेपुरा ईओ को पत्र जारी करते हुए 30 सफाईकर्मी को वेतन भुगतान कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा था। 

 नप के लिए विभाग का पत्र बना जी का जंजाल:

विभाग का यह पत्र नप के लिए जी का जंजाल बन गया है। सफाईकर्मी के नेता विदेशी मल्लिक, उमेश मल्लिक व अन्य का कहना है कि यह हम सभी 29 परिवार के लिए किसी मौत की सजा से कम नहीं है। एक तो हमलोगों ने 15 साल इसके लिए संघर्ष किया है। इस दौरान हमलोगों ने दो केस भी कोर्ट में किया था। इसी बीच विभाग ने पत्र जारी कर हमलोगों की सेवा नियमित किया। लेकिन अब चार माह बाद ही इस तरह का पत्र निकलना समझ से परे है।  

अब सफाईकर्मी फूंकेंगे बगावत का बिगुल:

नगर विकास विभाग के पत्र के बाद सफाईकर्मियों में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है। सफाईकर्मी के नेता विदेशी मल्लिक ने कहा कि अब हमलोगों के पास विभाग के खिलाफ विगुल फूंकने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। मधेपुरा नप भी मान रही है कि अगर इन लोगों को आंदोलन का रूख कर लिया तो शहर की सफाई पर विपरित प्रभाव पड़ेगा। वहीं आशंका जताई जा रही है कि आंदोलन लंबा चला तो आने वाला महापर्व तक प्रभावित हो सकता है। 

मधेपुरा नप के, ईओ ने कहा कि विभाग का इस बाबत पत्र है। जिसका अनुपालन के लिए हमलोग बाध्य हैं। 



Post a Comment

أحدث أقدم