धूमधाम से मनाया गया मुहर्रम

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सिंहेश्वर : प्रखंड क्षेत्र में काफी धुम- धाम से गम- ए- शहादत का त्यौहार मुहर्रम मनाया गया. इस दौरान युवाओं ने काफी बढ़- चढ़कर हिस्सा लिया. जबकि युवाओं के द्वारा एक से बढ़कर एक करतब दिखाये गये. जिसे देख स्थानीय लोग हतप्रभ हो गये. वहीं ताजिया जुलुस में युवाओं ने भारत का झंडा तिरंगा लहराने में कोई कसर नही छोड़ी. बताया गया कि झिटकिया, भेलवा व मजरहट, सुखासन व गौरीपुर के लोग बाजार में एक साथ हो गये थे. जिस वजह से ताजिया जुलुस काफी बड़ा हो गया था. 

वहीं इन सभी जगहों के अलावे भवानीपुर, सुखासन, भेलवा, तरहा, बैरबनन्ना, रुपौली, पटोरी, मजरहट, इटहरी, लालपुर सरोपट्टी, आदि गांवों में ताजिया जुलूस निकाला गया. मोहर्रम में कई जगहों पर मेले का भी आयोजन किया गया है. जुलूस में शामिल उत्साहित युवकों ने पारंपरिक लाठी, भाला, फरसा, व अन्य सामानों से खूब करतब दिखाए. जुलूस बाजार के पेट्रोल पंप, शर्मा चौक, महावीर चौक, धन्यवाद चौक होते हुए ताजिया जुलूस के लोगों ने थाना परिसर में पहुंच करतब दिखाए. जुलूस को देखने बड़ी संख्या में लोग सड़क किनारे व छतों पर खड़े होकर जुलूस का आनंद लिया. जुलूस की अगवाई थानाध्यक्ष अरुण कुमार, सीओ रामानंद सागर, एसआई बबलू कुमार, एएसआई रामदयाल सिंह, सुबोध रजक, आदि ने किया. वही दूसरी तरफ बताया गया कि मुहर्रम पर्व मुस्लिम सहादत दिवस के रुप में मनाया जाता है. मुहर्रम हिजरी या इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है. यह महिना चिंतन और तपस्या का समय है. रमजान के बाद दूसरा सबसे पवित्र माह माना जाता है.
 मुहर्रम एक ऐसा पवित्र समय है. इस माह में अल्लाह भी युद्ध करने से मना करता है. इस माह में मुसलमान गरीबों को दान देने पर जोर देते हैं। इस पवित्र माह में नोहा नामक धार्मिक भजन गाया जाता हैं. इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होने के कारण मुहर्रम भी नई शुरुआत का प्रतिक है. इस माह में मुसलमानों को कुछ नया शुरू करने और अपने जीवन के सबसे कठिन समय में भी अपने भविष्य के लिए आशान्वित रहने के लिए प्रेरित करता है. मुहर्रम महीने के 10वें दिन मुसलमान आशुरा का त्योहार मनाते हैं. इस्लाम के अनुसार पैगंबर मुहम्मद के पोते और चौथे खलीफा हजरत अली के बेटे इमाम हुसैन की मुहर्रम के 10 वें दिन कर्बला की लड़ाई में उसकी मृत्यु हो गई थी. इसलिए मुहर्रम के 10वें दिन आशुरा मनाया जाता है. आशूरा के मौके पर मुसलमान हुसैन की शहादत को याद करते हैं. और इसलिए यह शोक का दिन है. जुलूस के प्रतिभागी जुलूस में या अली और या हुसैन का नारा लगाते हैं. इस दौरान प्रखंड प्रमुख इस्तियाक आलम, उप प्रमुख मुकेश कुमार, कमरूजम्मा उर्फ मुन्ना, पुर्व सरपंच राजीव कुमार बबलू,  सिकेन्द्र ऋषिदेव, सोनू कुमार, मो. वसीम, गुड्डू, जावेद, अरमान, छोटू सहित हजारों लोग मौजूद रहे.

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