राष्ट्रीय युवा दिवस पर प्रस्तुति कार्यक्रम का उद्घाटन करते
कोशी तक/सिंहेश्वर मधेपुरा
बीपी मंडल अभियंत्रण महाविद्यालय सिंहेश्वर में राष्ट्रीय युवा दिवस के शुभ अवसर पर उन्नत भारत अभियान के तहत सामूहिक चर्चा और सामूहिक प्रस्तुति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि बीएनएमयू के रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. डा. नरेश कुमार ने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि आज की युवा शक्ति ही आने वाला कल का भविष्य है। युवा किसी भी राष्ट्र के निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर युवा सशक्त होगा तो राष्ट्र सशक्त होगा। आगे उन्होंने कहा कि युवावस्था आत्म समर्पण और बेहतर शिक्षा प्राप्त करके अपने देश को नई तकनीक से लैस करते हुए बेहतर समाज की निर्माण करने की है। प्राचार्य प्रो. अरविंद कुमार अमर ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। प्राचार्य ने तकनीकी शिक्षा और स्वामी विवेकानंद जी के विचारों को छात्रों के बीच चर्चा की और उनके व्यक्तित्व को अपने जीवन में उतरने की प्रेरणा भी दिए। डा. अजय गिरी, प्रो हरे-कृष्ण मिश्रा एवं डा. नेहा शिवहरे ने बच्चों को स्वामी विवेकानंद जी की व्यक्तित्व को अपनाने के लिए बढ़ावा दिया और उन्नत भारत अभियान के तहत हो रहे इस कार्यक्रम के मुख्य विषय को युवाओं के साथ वृद्धि जनों की सेवा और उनकी देखभाल पर विस्तार से चर्चा किया।प्रतियोगिता में विजई छात्र छात्राओं को किया गया सम्मानित
छात्रों के बीच जो प्रतियोगिता रखी गई थी ग्रुप डिस्कशन और ग्रुप प्रेजेंटेशन का जिसमें छात्रों ने बताया कि आज की पीढ़ी जाने अनजाने में बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार करती है। जो हमारे भारत के संस्कृति के खिलाफ है। ऐसे में समय-समय पर उनके लिए लोगों को आगे आना चाहिए। उन्होंने बुजुर्गों के साथ होने वाली समस्याओं और समस्याओं के समाधान करने पर विचार किया। इस प्रतियोगिता की विजई छात्र और छात्राएं नैंसी सिंह और उनकी टीम अंकित कुमार राय, चंद्रकांता, विवेक और कुमार सानू रहें। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में उन्नत भारत अभियान के नोडल ऑफिसर विक्की आनंद की मुख्य भूमिका रही। जन सम्पर्क पदाधिकारी प्रो निशिकांत कुमार ने बताया कि छात्र कोऑर्डिनेटर ददन राय, अमन कुमार पाठक ने भी पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में और समापन तक अपनी कड़ी मेहनत और लगन से इसमें शांति पूर्वक सहयोग किया। छात्रों को मेडल और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। मौके पर सभी विभागाध्यक्ष एवं अन्य प्राध्यापक गण मौजूद थे।
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